यादें

ना यादें पुरानी होती है,  ना उनमे बसे मुस्कुराहटें या ज़ख्म, अर्सो बाद भी उन्हें टटोल के देखो तो खुशी भी उतनी ही महसूस होगी, और दर्द भी उतना ही होगा, ना कम ना ज्यादा। क्या कहे अब, यादें है ही ऐसी जगह  जब भी लौटो, वो वैसी की वैसी उन्ही रंगों में लिपटी मिलती है जिनमे... Continue Reading →

क्या बतायेंं तुम्हे

क्या बतायेंं तुम्हे आगे तो बढ जायेंगे पर अटकें रहेंगे उन लम्हों में उन रासतो में उन यादों में जहां साँसें लेना मेहझ एक आदत नहीं पर खुशनसीबी थीं। . How do I tell you? I will move on But will be stuck In those moments Those paths Those nooks, those corners Those memories, breathing... Continue Reading →

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